Thursday, November 14, 2024
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सरकार एवं सेना कर रही है पाक के चार टुकड़े करने की ये तैयारियाँ, उनको समय दें, उनका गला मत दबायें

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जिस दिन से उरी हमला हुआ है देश की जनता में एक स्वभाविक क्रोध है और होना भी चाहिए | कई लोग फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल वेबसाइट्स पर अपना क्रोध प्रकट कर रहे हैं तथा सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि अब तक पाकिस्तान पर हमला क्यों नहीं किया गया | कुछ तो यहाँ तक कह रहे हैं कि मोदी जी मुझे छूट दे दो मैं खुद ही सीमा पर जाकर हमले में सहयोग दूंगा | मैं जनता की इस देशभक्ति की भावना का दिल से सम्मान करता हूँ और साथ ही उनको धन्यवाद भी देता हूँ कि देश पर हुए इस हमले की घड़ी में वो सारे देशभक्त देश के साथ एवं पाकिस्तान के खिलाफ खड़े हुए हैं | हालाँकि यहाँ मोदी विरोधी खेमे में कई लोगों में क्रोध की जगह या शायद क्रोध के साथ साथ अति उत्साह भी है क्योंकि उनको मोदी जी को घेरने का एक बड़ा मौका मिला है | वो लोग भी लगातार वर्तमान सरकार को कायर, बड़बोली, बिना नीति वाली सरकार आदि बोल रहे हैं | काफी दिन से यह सब देख रहा हूँ तो सोचा कि इस विषय पर भी लिखूं | सबसे पहले मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आप पाकिस्तान का चार अलग टुकड़ों के रूप में विभाजन होते देखना चाहते हैं या नहीं | यदि चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आगे पढ़ते रहिये और यदि आप ऐसा नहीं चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को यहीं बंद कर सकते हैं क्योंकि इस में आगे आप के मतलब की कोई बात नहीं लिखी गयी है | मैं कोई कायर शांतिदूत नहीं हूँ जो कि इस समय भी पाकिस्तान के साथ शांति और अमन की बात करूँ |

अब सबसे पहले तो विश्व स्तर पर भारत को इस हमले में क्या सहयोग और क्या विरोध मिलेगा उस बारे में बात करते हैं | इस दिशा में मोदी सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं | पहले मोदी जी ने अपने भाषण में बलूचिस्तान एवं पी. ओ. के. में पाकिस्तानी सेना द्वारा जनता के मानवाधिकार हनन एवं अत्याचार का मुद्दा उठाया | इस का बलूचिस्तान एवं पी. ओ. के. की जनता ने तो स्वागत किया ही साथ ही पाकिस्तान के सिंध प्रान्त ने भी पाकिस्तान से आजादी की मांग तेज कर दी | इन तीनो क्षेत्रों की जनता ने उस पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किये जा रहे अत्याचारों के विरोध में खुलकर बड़े आंदोलन शुरू कर दिए और खुले आम मोदी जी से मांग की कि वो उनकी मदद करें | अब विश्व इस बात को नकार नहीं सकता कि इन क्षेत्रों की जनता भी पाकिस्तान से अलग होना चाहती है और भारत से मदद मांग रही है | पड़ौसी देशों जैसे कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान आदि ने भी भारत का इस मुद्दे पर समर्थन किया | अमेरिका भी पाकिस्तान को झटका देते हुए भारत के साथ खड़ा है | चीन ने भी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने से यह कहते हुए मना कर दिया है कि ये भारत एवं पाकिस्तान का आपस का मामला है और वो इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेगा | यूरोपियन यूनियन ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है कि यदि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद नहीं किया तो वो पाकिस्तान पर बड़े प्रतिबन्ध लगा देगा | भाजपा की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में मोदी जी ने पाकिस्तान की सारी जनता के बहाने गिलगित, बलूचिस्तान, पी. ओ. के. और सिंध की जनता को पाकिस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ आवाज और तेज़ करने का इशारा कर दिया, अब यदि जनता ही देश से अलग होने की जोर शोर से मांग करे तो विश्व की बड़ी बड़ी ताकतें और संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान के अगले बंटवारे को रोक नहीं पाएंगे | सुषमा स्वराज जी ने भी कड़े शब्दों में भाषण देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने की एक काफी अच्छी कोशिश की, इस कोशिश के परिणाम भी आने वाले समय में सामने आएंगे | ईरान और संयुक्त अरब अमीरात से भी भारत को समर्थन मिल रहा है | रूस भारत का पुराना सहयोगी है, हालाँकि पाकिस्तान के साथ बढ़ते हुए उस के रिश्ते कुछ शक जरूर पैदा करते हैं लेकिन इतना तय है कि बात यदि भारत और पाकिस्तान में से किसी एक को चुनने की हुई तो वो भारत को ही चुनेगा | कुल मिलकर अभी यही कहूंगा कि पाकिस्तान विरोधी माहौल बनाने के लिए मोदी सरकार सही दिशा में कड़ी मेहनत कर रही है और उसे लगातार सफलता भी मिल रही है | बस सरकार को थोड़ा और समय चाहिए विश्व को यह दिखाने का कि पाकिस्तान के चार टुकड़े करना सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सारे विश्व के हित में होगा | यदि अमेरिका एवं उसके सहयोगी देश, रूस एवं यूरोपियन यूनियन ने खुलकर बलूचिस्तान के अलगाव पर भारत का समर्थन कर दिया तो चीन भी इन सब के दवाब में आकर इस पूरे मामले में चुप्पी साध लेगा क्योंकि वो पाकिस्तान के चक्कर में अपना कोई नुकसान नहीं कराएगा | और इस स्थिति में संयुक्त राष्ट्र यदि चाहे भी तब भी पाकिस्तान का साथ नहीं दे पायेगा क्योंकि सभी को पता है कि संयुक्त राष्ट्र आज भी इन सब कुछ बड़े देशों के हाथ की कठपुतली मात्र है |

अब बात करते हैं हमले के लिए सेना की तैयारी की | यह बहुत बड़ा हमला होगा क्योंकि छोटा मोटा हमला करके हम पाकिस्तान से सरेंडर तो करवा सकते हैं लेकिन उसे इस स्थिति में नहीं ला सकते कि वो अपने चार टुकड़े हो जाने दे | इस के लिए हमें किन फ्रंट से हमला करना है और हमले के समय किन दुसरे फ्रंट को पर्याप्त सुरक्षा देनी है ताकि हम पर कहीं दूसरी तरफ से हमला न हो पाए, किस जगह कितने सैनिक चाहिए, कितने हथियार चाहिए, हमारी कितनी तैयारी है और कितनी तैयारी की आवश्यकता है आदि मुद्दों पर विचार करने एवं मौजूदा तैयारी की समीक्षा करने में थोड़ा समय तो लगेगा ही | बांग्लादेश हमले के समय भी भारत ने कोई एक दिन या हफ्ते में युद्ध का फैसला करके हमला नहीं कर दिया था बल्कि इन सभी मुद्दों पर कुछ महीने ठीक से विचार करके एवं सेना को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देकर हमला किया था, और पर्याप्त समय लेकर की गयी इस तैयारी एवं विचार विमर्श का परिणाम क्या हुआ था वो हमारा सुनहरा इतिहास है | इस बार हमला पहले से भी बड़ा और भयानक होगा इसीलिए तैयारी भी ज्यादा करनी है और उसके लिए समय भी चाहिए | अब जो लोग पूछ रहे हैं कि अब तक हमला क्यों नहीं हुआ उनको शायद ये भी नहीं पता है कि हर समय पूरी सेना सीमा पर तैनात नहीं होती है और न ही सारे हथियार सीमा पर रखे रहते हैं, सीमा पर सेना और हथियार भेजे बिना ही हमला कर देंगे क्या ? यदि ऐसा बिना तैयारी का हमला कर भी दिया तो क्या उस का परिणाम पाकिस्तान के चार टुकड़ों के रूप में मिलेगा ?

भारत के पाकिस्तान परस्त तथाकथित शांतिदूतों की तरह में यहाँ वो सब बातें नहीं करूँगा कि इस युद्ध से देश में महंगाई बढ़ेगी, विकास रुकेगा, इंसानियत की हत्या होगी क्योंकि मैं पाकिस्तान परस्त नहीं हूँ और साथ ही यह बात भी जानता हूँ कि इस देश की जनता देशभक्त है और इस हमले के जवाबी युद्ध के बाद यदि महंगाई बढ़ती है या विकास कार्यों में कुछ रुकावट आती है तो वो यह सब झेलने के लिए पूरी तरह तैयार है और पाकिस्तान के साथ इस बड़े युद्ध का समर्थन करती है |

युद्ध अटल है और इसके संकेत सरकार ने दे भी दिए हैं | स्वयं मोदी जी कई बार यह साफ साफ कह चुके हैं कि उरी हमला करने वाले सुन लें कि भारत इस का जवाब जरूर देगा | यदि मोदी जी की जवाबी कार्रवाही करने की कोई नियत नहीं होती तो इतनी बड़ी बात वो बार बार नहीं कहते क्योंकि यह सब कहने के बाद भी कार्रवाही न करना उनको अगले चुनाव में बहुत घातक होगा इतना तो वो भी अच्छे से समझते हैं | यदि जवाबी कार्रवाही का मन नहीं होता तो वो भी पिछले प्रधानमंत्री की तरह मौन धारण करके बैठ जाते ताकि जनता कोई उम्मीद न लगाए तथा अगले चुनाव में नुकसान थोड़ा कम हो | भारत ने इस बड़े युद्ध की सही दिशा में तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, चाहे वो विश्व में इस मुद्दे पर भारत के पक्ष में तथा पाकिस्तान के विरोध में माहौल बनाना हो या सेना को हमले के लिए तैयार करना हो, दोनों ही क्षेत्र में सरकार तेज़ी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है | बस जनता को धैर्य रखने की आवश्यकता है | सरकार एवं सेना को आवश्यक तैयारियों के लिए पर्याप्त समय दें | हमें इस समय सरकार को पूरा समर्थन देना है न कि उसका गला दबाना है |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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