Sunday, November 24, 2024
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राजनैतिक आतंकवाद और देशद्रोह का बदला कब लेगी जनता ?

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इस देश के कई जाने माने नेताओं एवं पार्टियों ने जे एन यू में हुई देशद्रोही नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन किया, आतंकियों के एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया तथा उन आतंकवादियों को मासूम / निर्दोष बताया, आतंकियों का नाम जी साहब आदि संबोधनों के साथ इज़्ज़त से लिया, आतंकियों को शहीद साबित किया, कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल का विरोध किया, ७०-८०% हिन्दू आबादी वाले देश में गौ हत्या पर बेन लागाने का विरोध किया तथा आये दिन हिन्दू धर्म का अपमान भी किया, हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने का प्रयास किया, चीन द्वारा भारत को एन एस जी की सदस्यता में समर्थन ना देने पर चीन की जगह प्रधानमंत्री मोदी जी का विरोध किया, बलूचिस्तान मुद्दे पर पाकिस्तान का विरोध करने की जगह उस मुद्दे पर बोलने पर प्रधानमंती मोदी जी का ही विरोध किया  | ऐसे और भी कई देशद्रोह के उदाहरण हैं | सवाल यह है कि आखिर इन नेताओं और पार्टियों की हिम्मत कैसे हुई यह सब करने की | उनको जनता का डर क्यों नहीं है ?

इस देश की जनता की सब से बड़ी समस्या यह है कि कुछ भी हो “सारे नेता चोर हैं” कह कर अपनी जिम्मेदारी से छुट्टी पा लेते हैं | “सारे नेता चोर हैं” मैं यह तो नहीं मानता लेकिन “बहुत सारे नेता चोर हैं” यह बात मैं मानता हूँ | लेकिन यह कैसे हुआ और कौन है इसका जिम्मेदार ?

जिस तरह फिल्म निर्माता दर्शकों के सामने वही परोसता है जो कि उनको पसंद आये आजकल वही हाल कई नेताओं का है | जनता के सामने वही करो जो जनता को पसंद आये | यदि आपको विश्वाश नहीं है तो अपने आसपास देखिये | कई लोग इसी बात पे अपनी मूछों पे ताव देते हैं कि मेरी जात का व्यक्ति बाहुबली है, उसकी बहुत चलती है, उसने इतने मर्डर किये हुए हैं, उस से कुछ भी बोलने की किसी की हिम्मत नहीं होती | आपका नहीं पता लेकिन मेरी फेसबुक की मित्र मंडली बहुत बड़ी है और काफी शिक्षित भी है लेकिन इस में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो कि इसी बात से खुश हैं कि उनकी जाति के नेता बाहुबली हैं, या फलाने को झापड़ मार देते हैं या बिना बात के मर्डर कर देते हैं या फिर नंबर दो के काम यानि भ्रष्टाचार कर के आज बहुत बड़ी हस्ती बन गए हैं | बाहुबली या धनवान इनकी जाति का वो नेता बना है लेकिन ये ऐसे हवा में उड़ते हुए खुश रहते हैं जैसे कि यही बाहुबली या धनवान बन गए हैं | आपको अफ़सोस और चिंता होगी यह बात जानकार कि जिन मित्रों की मैं बात कर रहा हूँ वो लोग या तो बड़ी बड़ी कंपनी में बड़े अच्छे पदों (जैसे कि इंजीनियर, डॉक्टर, मेनेजर आदि) पर बैठे हुए या फिर उच्च सरकारी पदों में हैं | कुछ तो शिक्षक भी हैं | अब सोचिये देश की स्थिति के बारे में | चिंता हुई या नहीं ?

यदि इस के बाद भी आपको कोई चिंता नहीं हुई तो फिर कोई बात नहीं | देश ऐसे ही चलेगा और कभी न कभी फिर गुलाम बनेगा | गुलामी का मतलब नहीं पता तो कैराना से हिंदुओं को भगाया जाना याद करो, बुलंदशहर में एक आदमी के सामने उसकी बीवी और बेटी के बलात्कार को याद करो, देश में ही देश के दुश्मन पाकिस्तान के झंडे का फहराना याद करो, ७०-८० % हिन्दू आबादी वाले देश के कश्मीर में से कश्मीरी पंडितों के पलायन को याद करो | और यदि नहीं याद आता तो कृपया आत्महत्या करके या फिर चुनाव में वोट न देकर इस देश पर उपकार करो |

भारतवासियो सुधर जाओ, अपने पूर्वजों की गलतियों को याद करो, देशभक्त बनो, संगठित रहो | नेताओं से उनके देशद्रोह का बदला लो उनको वोट न देकर | यदि आप आज भी नहीं सुधरे तो अपनी आगे आने वाली पीढ़ी की गुलामी की ज़िन्दगी के आप स्वयं जिम्मेदार होंगे |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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