Thursday, November 14, 2024
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सलमान खुर्शीद की असभ्यता

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प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने १५ अगस्त को लालकिले से अपने भाषण में पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा बलूचिस्तान की जनता पर किये जाने वाले अत्याचारों व भेदभाव का जिक्र किया तो भारतीय राजनीति में हलचल पैदा हो गयी | पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने श्री मोदी जी के बयान को असभ्य कहते हुए कहा कि यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है इसमें भारत को दखलंदाज़ी नहीं करनी चाहिए | सलमान खुर्शीद के पिता कट्टरवादी तथा मुस्लिम लीग के नेता थे तथा पाकिस्तान बने इसकी जोरदार वकालत करते थे परंतु जायजाद के लालच तथा नेहरू-गाँधी परिवार के प्रयासों से जो मुसलमान भारत में रह गए उनमे से एक इनका परिवार भी है | ऐसा बयान देकर सलमान खुर्शीद ने देशवासियों को अपना असली चेहरा और पाकिस्तान समर्थक अपने रक्तबीज का फिरसे परिचय कराया है | मैं सलमान खुर्शीद से पूछना चाहता हूँ कि सन १९४८ में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण करके बहुत बड़े भू भाग पर कब्ज़ा किया तो क्या वह भी पाकिस्तान का अंदरूनी मामला था | क्या ये भारत की भूमि पर कब्ज़ा नहीं था ? और तभी से पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद फैला रहा है | अलगाववादियों का साथ दे रहा है | पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, कश्मीर की आज़ादी के नारे, जनमत संग्रह की मांग, विश्वपटल पर कश्मीर का मुद्दा बार बार उठाना क्या भारत के अंदरूनी मामले में दखलंदाजी नहीं है ?

लेकिन अकेले सलमान खुर्शीद दोषी नहीं हैं | नेहरू गाँधी परिवार की नीति का दुष्परिणाम है जो आज़ादी के पूर्व से लेकर आज तक चल रहा है जिसमें वामपंथियों तथा विदेशी टुकड़ों पर पलने वाले तथा कथित बुद्धिजीवी, लेखक, पत्रकार का भरपूर सहयोग मिलता रहा | हद तो तब हो जाती है जब भारतीय जनमानस ऐसे लोगों का भरपूर समर्थन करता है और वोट भी देता है | जब तक देश भूल जाओ और क्षमा करो को बर्दाश्त करता रहेगा और क्षमा करता रहेगा तथा राष्ट्रविरोध की घटनाओं, क्रियाकलापों को नजरअंदाज करता रहेगा तब तक ऐसे देश विरोधी लोग इस देश के नायक बने रहेंगे और देश की आतंरिक और बाह्य सुरक्षा तो खतरे में रहेगी ही साथ ही इस देश की अर्थव्यवस्था और विकास भी प्रभावित रहेगा |

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Om Prakash Shrivastava
Om Prakash Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
M.A., L.L.B., Advocate, Notary Public Lalitpur (U.P.). He has interest in social service since his student life. He was active in student politics. He was arrested and sent to Jail for 1 month and 10 days for giving a speech in Lucknow University against the cancellation of recognition of Students Unions in India. He was president of Student Union of Bundelkhand College Jhansi (U.P.). He was in jail for 21 days for his participation in J.P. movement before emergency. He leaded a student group for a protest against emergency in India and was in jail for 5 months and 21 days in D.I.R. in Jhansi (U.P.) for this. That’s why U.P. Government has declared him ‘Loktantra Senani’. He is a National Executive Member of 'Loktantra Rakshak Senani Mahasangh'. He is Convener of ‘Lok Jagrati Manch’ and ‘Sarthakchintan.com’. He is an active member of BJP. His many articles have been published in different newspapers.
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