एक आर. टी. आई. में हुए खुलासे के अनुसार दिली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अब तक शराब के ५८ नए ठेके खुलवाए हैं | बात बात पर जनता से राय लेने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता के विरोध के बावजूद इन ठेकों को मंजूरी दी | आम आदमी पार्टी ने सरकार में आने से पहले दिल्ली की जनता से वादा किया था कि कोई भी शराब का ठेका बिना स्थानीय महिलाओँ की सहमति के नहीं खोला जायेगा। लेकिन अब जबकि जनता इनमें से कई ठेकों के खुलने का विरोध कर रही है, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है |
एक तरफ तो आम आदमी पार्टी ने इन नए ठेकों को मंजूरी दी वहीँ दूसरी ओर नशामुक्ति के अपने विभिन्न राजनैतिक विज्ञापनों पर सरकारी पैसा खर्च किया |
आम आदमी पार्टी का पंजाब चुनाव में मुख्य मुद्दा नशामुक्ति है | दिल्ली जहाँ आम आदमी पार्टी की सरकार है, जब वहीँ नशामुक्ति पर कोई कदम उठाने की जगह इतने नए ठेके खुलवा दिए गए तो पंजाब जैसे बड़े राज्य में क्या होगा ? एक तरफ तो अरविन्द केजरीवाल पंजाब में अपनी चुनावी रैलियों में आये दिन बड़े बड़े दावे करते हुए कहते हैं कि वो इतने दिन में पंजाब को नशामुक्त बना देंगे, उतने दिन में बना देंगे | वहीँ दूसरी और दिल्ली जहाँ कि आये दिन होने वाले एक्सीडेंट की मुख्य वजह नशे में गाडी चलाना है, वहां जनता के विरोध के बावजूद इतने सारे नए ठेके खुलवाए जाते हैं |
इस आर. टी. आई. में हुए खुलासे के बाद तो मैं यही कहूंगा कि जनलोकपाल, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, अपराध मुक्त राजनीति आदि वादों की ही तरह नशामुक्त पंजाब भी आम आदमी पार्टी का चुनावी जुमला है जो कि सत्ता में आते ही भुला दिया जायेगा |