नक्सलवाद एवं अलगाववाद के नाम पर भारत विरोधी शक्तियों की मदद से फैलाया जा रहा आतंकवाद का जाल इस देश की एकता एवं अखण्डता के लिए कितना बड़ा खतरा हैं यह आप जानते ही हैं | यह भी आपको याद ही होगा कि किस तरह अपने राजनैतिक दाव पेंचों के लिए एक के बाद एक लगभग सभी विपक्षी दलों, मीडिया के कई लोगों एवं कई तथाकथित एक्टिविस्ट लोगों ने आजादी गैंग को निर्दोष एवं आदर्श जननेता साबित कर दिया था, अब तो उनमें से कुछ को २०१९ के चुनाव की टिकट तक मिलने की खबरें आ रही हैं | इसी तरह नक्सलियों को भी तथाकथित एक्टिविस्ट जमात, मीडिया के कुछ लोगों एवं कुछ राजनैतिक दलों से सालों से समर्थन एवं सहायता मिलती आ रही है | जब भी नक्सलियों के खिलाफ कोई कार्यवाही होती है तो ये सारे लोग सक्रिय हो जाते हैं एवं हर तरफ से ऐसा दबाव बनाने में लग जाते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ हो रही कार्यवाही रोक दी जाये | फिर जब लोग इन्हें शहरी नक्सली कहते हैं तो बुरा मान जाते हैं | अब इस सब से इन शहरी नक्सलियों को क्या क्या फायदे हो रहे हैं उस कि जांच सरकार कर भी रही है और उम्मीद करता हूँ कि आगे भी करती रहेगी |
मोदी सरकार शुरू से ही आतंकियों एवं नक्सलियों के लिए काल बनी हुई है | सीधा सन्देश है कि या तो हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आ जाओ या फिर कार्यवाही के लिए तैयार रहो | ऐसे क्षेत्रों में सेना, पुलिस एवं अन्य सभी एजेंसियों को सरकार की ओर से उचित अधिकार एवं सहायता दी जा रही है ताकि इन भारत विरोधी शक्तियों के खिलाफ चल रही कार्यवाही में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो | शहरी नक्सलियों यानि के सामान्य नागरिक का नकाब पहने हुए नक्सलियों के समर्थकों को इस से परेशानी तो होनी ही थी | वही हुआ भी | षड़यंत्र बनाये जाने शुरू हो गए और यहाँ तक कि प्रधानमंत्री मोदी जी की हत्या तक की साजिश रच ली गयी | ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्यवाही कानूनन भी सही है और देश की सुरक्षा की चिंता करने वाली सरकार को हर हाल में करनी भी चाहिए | ऐसा किया भी जा रहा है | आतंकवाद एवं नक्सलियों के खिलाफ मुहिम में मोदी सरकार काफी अच्छे से काम कर रही है और इस की खुलकर तारीफ होनी चाहिए न कि विरोध |
दुःख ज्यादा तब हुआ जब देखा कि इस बार सिर्फ मोदी विरोध के चक्कर में देश की कई बड़ी पार्टियाँ, पत्रकार, एक्टिविस्ट तो नक्सलियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में उतरे ही लेकिन उन के साथ साथ उनके कई अंधसमर्थक वोटर भी उतर आये | सोशल साइट्स, आम वार्तालाप आदि सब जगह यह लोग सक्रिय हो गए इस विरोध में | इन अंधों एवं मूर्खों को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि जब नक्सली एवं आतंकी हमला करते हैं तो मौत आम जनता की ही होती है न कि ऐसे बड़े बड़े नेताओं, एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों की | आप यदि नक्सलियों एवं आतंकियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं तो आप स्वयं अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा के साथ साथ इस पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं | राजनैतिक विरोध एवं सोच की असमानता लोकतंत्र में गलत नहीं है परन्तु इसे स्वयं पर इतना हावी नहीं होने देना चाहिए कि आप अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए देश विरोधी ताकतों के समर्थन में उतर आएं एवं इनके खिलाफ कार्यवाही करने वाली सरकार एवं देश के वीर जवानों को गालियां देने लगें | अपना एवं देश का हित पहचानें और उसी दिशा में काम करें | न तो स्वयं किसी देश विरोधी कार्य का हिस्सा बनें और न ही ऐसे किसी व्यक्ति का समर्थन करें जो कि देश विरोधी शक्तियों का समर्थन करे | उम्मीद करता हूँ कि सरकार जल्द ही ऐसे सभी शहरी नक्सलियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी और हमारे न्यायालय कई दशकों तक केस लटकाये रहने की जगह तेजी के साथ ऐसे केस पर काम करेंगे और दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देंगे |