जब भी कोई आतंकी हमला होता है तो सेक्युलर रुदालियाँ तुरंत ही सक्रिय हो जातीं हैं | डाटा तैयार किया जाता है कि इस बार कौन सी फोटो, वीडियो या खबर चलाकर यह कहा जाये कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कैसे साबित किया जाए कि आतंकी किसी गरीब परिवार का गुमराह मासूम बच्चा था, कैसे साबित किया जाए कि वो व्यक्ति हिन्दुओं या भाजपा के किसी जुल्म की वजह से आतंकी बना | साथ ही दिमाग इस ओर भी लगाया जाता है कि किस तरह से इस हमले की खबर में ऐसे फर्जी तथ्य घुसाए जाएं कि इस आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की जगह हिन्दुओं को जिम्मेदार ठहराया जाए और अपने काल्पनिक किरदार यानि कि भगवा आतंकवाद को दुबारा जिन्दा किया जाये | कैसे भी घटनाओं को जोड़ो, तथ्यों को तोड़ो मोड़ो और अपने इन चार मुख्य उद्देश्यों को पूरा करो – १) पाकिस्तान और इसके समर्थकों का बचाव, २) मुस्लिम तुष्टिकरण, ३) हिन्दुओं की विश्व में गलत छवि बनाना, ४) मोदी जी और भाजपा का विरोध |
आतंकवादियों ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह से क्रूरता एवं राक्षसी प्रवृत्ति की सारी हदें पार की हैं वो कोई मासूम इंसान तो नहीं कर सकता | चिंता की बात यह है कि कई पढ़े लिखे नौजवान भी इन आतंकी संगठनों से प्रभावित होकर इन से जुड़ रहे हैं | इस समय सभी मीडिया एजेंसियों, नेताओं और सामाजिक संगठनों का काम तो यह होना चाहिए था कि ये लोग इन आतंकी संगठनों के खिलाफ बोलें तथा लोगों को इनसे न जुड़ने के लिए कहें | लेकिन सेक्युलर मीडिया, नेता और सामाजिक संगठन हमेशा की तरह अभी भी उलटा ही काम कर रहे हैं | या तो भगवा आतंकवाद का झूठ बोलकर इन आतंकी संगठनों का बचाव करते हैं या फिर जहाँ भगवा आतंकवाद का झूठ संभव नहीं है वहाँ इन आतंकी संगठनों को मासूमों और गुमराहों का झुण्ड साबित करने में लग जाते हैं और इनकी मौत का ऐसे गुणगान किया जाता है जैसे कि कोई क्रांतिकारी शहीद हुआ हो |
अमरनाथ हमले के बाद भी सेक्युलर रुदालियों द्वारा यही सब जोरों से किया जा रहा है | लगातार सन्देश भेजे जा रहे हैं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता और इस हमले को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए | कई सेकुलरों ने तो एक बार फिर सारी हदें पार करते हुए इस आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान समर्थक आतंकियों को जिम्मेदार ठहराने की जगह इस हमले को भाजपा की चुनावी साजिश बता डाला और फिर से अपने काल्पनिक किरदार यानि कि भगवा आतंकवाद को जिन्दा करने की कोशिश की और ऐसे बयान देते समय उन्हें एक बार फिर आतंक का धर्म और रंग भी दिखाई दे गया | फिलहाल इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के घर वालों की गरीबी की दुःख दर्द भरी कहानियां बाजार में नहीं लायीं गयीं हैं लेकिन इनके एनकाउंटर के तुरंत बाद उन कथा संग्रहों को भी लॉन्च कर दिया जायेगा | कई सेक्युलर नेता इस हमले पर भाजपा और उसके समर्थकों को गलियां देने के लिए इतने गंभीर और दुखद हमले पर भी मजाकिया बयान दे रहे हैं | शर्म की बात है |
सीधे सीधे और साफ साफ कहूँ तो सच यही है कि ये सेक्युलर रुदालियों का यह पूरा समूह देशद्रोही है | जरुरत है कि जनता इस झूठी सेक्युलर जमात के खिलाफ एकजुट होकर खड़ी हो, ऐसे पत्रकारों की न्यूज़ एजेंसियों को पढ़ना देखना बंद करें, ऐसे नेताओं को वोट देना बंद करें और इनकी ताकत खत्म करें | इनकी ताकत जनता का वह हिस्सा है जो आज भी अपनी आँखें बंद किये हुए है और इनको समर्थन देता है, यह ताकत कमजोर होनी चाहिए | देशभक्तों को अपने आपसी मतभेद भुला कर एक होना चाहिए और इनके विरोध में खड़ा होना चाहिए | जब तक ये देशद्रोही शक्तियां कमजोर नहीं होंगी तब तक इस देश पर किसी न किसी तरह का संकट बना ही रहेगा |
( फोटो साभार -Radio Mirchi )